Monday, February 2, 2009

हम जंगल के अमलतास

मेरी २४ वीं सद्य प्रकाशित काव्य कृति "हम जंगल के अमलतास" का आवरण पृष्ट

हम जंगल के अमलतास के पृष्ठ भाग में अंकित मेरा संक्षित परिचय

-आचार्य भगवत दुबे, जबलपुर

Sunday, February 1, 2009

स्वागतम

शब्द विहंग पर विश्व के समस्त साहित्यकारों का हार्दिक अभिनन्दन है।
- आचार्य भगवत दुबे
संस्कारधानी जबलपुर , म.प्र, भारत